श्री हनुमान जी: माँ ज्वाला जी के ठीक सामने एक विशाल अंजनी पुत्र श्री हनुमान जी की प्रतिमा विराजमान है। कहा जाता है जो भी भक्त प्रत्येक मंगलवार को सिंदूर चढ़ाते पूजा अर्चना करते है हनुमान जी उनकी हर मनोकामना अवश्य पूर्ण करते हैं।
भगवान भोलेनाथ:- मंदिर के अंदर एक पीपल का विशाल वृक्ष है जिसके नीचे शिवलिंग, नंदेश्वर महाराज जी की प्रतिमा विराजमान है। कहा जाता है इस पीपल के वृक्ष के साथ स्थापित त्रिदेवों की परिक्रमा जो भी भक्त करते है। उनकी हर मनोकामना भगवान शंकर पूर्ण करते है।
भैरव नाथ जी का मंदिर:- मंदिर के मुख्य द्वार के दांयी ओर भैरोनाथ जी की सुन्दर मंदिर मौजूद हैं। कहा जाता है, जो भक्त प्रेतबाधा से ग्रसित हो भगवान भैरों नाथ जी के दर्शन, पूजन अर्चन से प्रेत बाधा से मुक्ति मिल जाती है।
शनि महाराज जी का मंदिर: मंदिर के मुख्य द्वार के बांयी ओर शनि महाराज जी की सुन्दर मंदिर सुशोभित है जिसमें शनि भगवान विराजमान है। कहा जाता है कि शनि से पीड़ित व्यक्ति सच्चे दिल से शनिदेव में प्रत्येक शनिवार को तेल एवं तिल अर्पित करता है, तो शनि देव अति प्रसन्न होते है। तथा उनसे पीड़ित व्यक्ति खुशहाल हो जाता है।
माई की बगिया एवं मंदिर परिसर:- माँ ज्वाला जी का मंदिर परिसर लगभग 4 (चार) हेक्टेयर में फैला हुआ है। मंदिर के चारों तरफ विधिवत तरीके से सुन्दर-सुन्दर पेड़ पौधे फूल एवं सो पत्तियों को इस प्रकार से लगाया गया जिससे एक अति सुन्दर उद्यान के दर्शन होते हैं। जिसके कारण मंदिर परिसर की सुंदरता में चार चाँद लग जाते है। दर्शनार्थी यंहा की प्राकृतिक सुंदरता को देखकर मोहित हो जाते है और इसे बार-बार देखने की इच्छा होती है।
श्री राधा कृष्ण जी का मंदिर:- माँ ज्वाला जी के मंदिर से पूर्व दिशा की ओर श्री राधा कृष्ण जी का मंदिर सुभोभित है। जिसमें श्री कृष्ण भगवान् के साथ राधारानी विराजमान है। इस मंदिर में प्रत्येक वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी को श्री कृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। जिसमें कई सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे कीर्तन भजन, मटकी फोड़ आदि का आयोजन किया जाता है। जिसमें सैकड़ों की संख्या में भक्त शामिल होते है।
श्री राम जानकी जी का मंदिर:- श्री राधा कृष्ण मंदिर से ठीक दक्षिण की ओर श्री राम जानकी जी का सुन्दर मंदिर निर्मित है जिसमें श्री सीता राम जी की मनोहर प्रतिमा विराजमान है। जिनके दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
“एक श्रेष्ठ व्यक्ति कथनी में कम, करनी में अधिक विश्वास करता है।“
भारत माता जी की मंदिर:- माँ ज्वाला जी के मंदिर से पूर्व दक्षिण दिशा में भारत माता जी की मंदिर निर्मित है, जिसकी सुंदरता अनोखी है। यंहा पर प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी एवं 15 अगस्त को राष्ट्रिय ध्वज फहराया जाता है तथा सभी देशभक्त भारत माता के दर्शन कर प्रणाम करते है।
कैलाश धाम:- श्री राधा कृष्ण मंदिर से पूर्व दिशा की ओर घोड़छत्र नदी के तट पर बांधवगढ़ के विकराल घने जंगल की प्राकृतिक सुंदरता के बीच भोले नाथ जी का विशाल शिवलिंग विराजमान है, जो कैलाश धाम के नाम से प्रसिद्ध है। यह स्थान प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर घोड़छत्र नदी की कल-कल धारा की मीठी धुन के तट पर है। यंहा की सुंदरता देखते ही बनती है। यंहा पहुंच कर जो भी भक्त शिवलिंग की पूजा अर्चना करते है, दर्शन करते है। कैलाश निवासी भोलेनाथ उनकी हर मनोकामना पूर्ण करते है।
घोड़छत्र गंगा माता:- श्री राधा कृष्ण मंदिर से पूर्व दिशा को ओर लगभग 150 मी. की दुरी पर घोड़छत्र नदी की विशाल धरा कल-कल करती बहती है। जिसके दर्शन मात्र से आत्मा को तृप्ति मिलती है। यह बहुत ही प्राकृतिक सुंदरता से सराबोर दर्शनीय स्थल है।
गौशाला:- मंदिर परिसर में एक गौशाला है जिसमें वर्तमान में लगभग 63 गौ माता निवास करती है। जिनकी सेवा माँ ज्वाला सेवा समिति के द्वारा की जाती है। कहा जाता है जो भी भक्त गौमाता की सेवा करता है, दर्शन करता है, गौ माता धन धान्य से परिपूर्ण कर देती है।
काम्प्लेक्स:- माँ ज्वाला के मंदिर से दक्षिण में दुकानों के लिए भवन का निर्माण कराया गया है, जिसमें 9 कमरे है। जंहा पर दुकाने लगती है। जो भी भक्त दर्शन के लिए यंहा आते है उन्हें पूजन की समस्त समाग्री आसानी से प्राप्त हो जाती है।
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सुलभ काम्प्लेक्स:-
भारत माता मंदिर से दक्षिण में एक विशाल सुलभ काम्प्लेक्स का निर्माण कराया गया है। जो महिला एवं पुरुर्ष के लिए अलग-अलग है। जिसमें मंदिर आने वाले भक्त आवश्यकता पड़ने पर उपयोग करते है।
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वाहन स्टैंड व्यवस्था:- मंदिर से दक्षिण में लगभग 3 एकड़ खाली मैदान में अलग-अलग दो पहिया, चार पहिया एवम साईकलों के पार्किंग की निःशुल्क व्यवस्था की गई है। जंहा पर श्रद्धालु अपने वाहन खड़ा करके माँ के दर्शन करते है। यंहा पर वाहन सेवक वाहनों की सुरक्षा देखभाल निःशुल्क करते है।
जूता चप्पल स्टैंड:- मंदिर से दक्षिण दिशा में वाहन स्टैंड के किनारे जूता-चप्पल स्टैंड बनाया गया है। यंहा पर दर्शन को आने वाले भक्त अपने जूते चप्पल स्टैंड में सुरक्षित रखते है। यह व्यवस्था पूर्णतः निःशुल्क है।
पीने के पानी की पूर्ण व्यवस्था:- मंदिर के मुख्य द्धार से पश्चिम में पीने के पानी की व्यवस्था की गई है। जिसमें आने वाले भक्तों को निःशल्क ठंडा पानी पीने के लिए सेवकों द्वारा प्रदान किया जाता है।
धर्मशाला एवं कलश गृह:-
माँ ज्वाला जी के मंदिर से उत्तर की ओर एक विशाल धर्मशाला का निर्माण कराया गया है। जिसमें दर्शन को नाम वाले श्रद्धालु जान जन ठहरते है, विश्राम करते है तथा समय-समय पर चैत्र नवरात्रि एवं अश्विन नवरात्रि में ज्वारे कलश स्थापित किये जाते है।
रसोईघर एवं भंडारा प्रसाद स्थल:- मंदिर के ठीक पूर्वोत्तर दिशा में माँ ज्वाला धाम की रसोई है। जिसमें प्रतिदिन माँ के लिए भोग प्रसाद एवं प्रत्येक सोमवार को होने वाले भंडारे की प्रसाद तैयार की जाती है। तथा रसोई घर से लगा हुआ प्रसाद वितरण स्थल का निर्माण इस प्रकार से करवाया गया है जिसमें एक साथ हजारों भक्त आसानी से प्रसाद प्राप्त कर सकते है।
अतिथि गृह:- रसोई घर से पश्चिम में एक अतिथि गृह का निर्माण कराया गया है। जिसमें समय-समय पर आने वाले अतिथियों के ठहरने की व्यवस्था है। यह भवन सर्व सुविधा युक्त है।